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बिकाऊ हैं रिश्ते भी

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हर रिशते की जिनदगी में, कीमत चुकानी पड़ती है,
बिकाऊ हैं रिश्ते भी,
जिसे चाहो खरीद लो
तोल- मोल कर जाँच -परखकर,
भाव कर लो, बोली लगा लो,
मिला क्या सबसे अच्छा रिश्ता?
ना मिला तो चलो देखें,
कोई दूसरा बाज़ार,
नीलाम होगें कई रिश्ते.
जो भी रिश्ता हो सस्ता-सुविसता,
और टिकाऊ,
अच्छा लगे,
बोली लगाओ,
खरीद लो घर ले आओ.
कि बिकाऊ हैं रिश्ते भी

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