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चाहिए बस थोडी सी धरती और् थोडा सा आस्मान
मत कतरो पन्खो को हमारे
उड जाने दो नीलगगन मे
है हुम भी आज़ाद परिन्दे
रोको मत कुलान्चे भरने दो
मत बान्धो पैरो को मेरे
यू हि विच्ररने दो जन्गल मे
जी लेने दो, मत मारो मुझ्को
आ जाने दो दुनिया मे
कुछ न मान्गून्गी तुमसे
जितना मेरा है मुझ्को दे देना
बस थोडी सी धरती.. बस थोडा सा आस्मा
चलून्गी बनाये तेरे रस्ते पर
रखून्गी मै मान सदा
वादा करती हू तुम्से
रखून्गी मै ये याद सदा
मगर कभी मेरा दामन छूकर
मत करना दाग्दार मुझे
जीने का हक़ है मुझ्को भी
मत करना शर्मसार मुझे
उस कुल मे जाना चाहूगी
जहा हो मेरा मान सम्मान्
मेरी भी हो इज़्ज़त जहा
रहू मै भी इन्सान बन्कर
बस इतना ही चाहिये मुझ्को
थोडी सी धरती…थोडा सा बस आस्मा
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